व्यापार और भूमंडलीकरण – Trade and Globalisation
अभ्यास
वस्तुनिष्ठ प्रश्न:
1. प्राचीन काल में किस स्थल मार्ग से एशिया और यूरोप का व्यापार होता था?
(क) सूती मार्ग
(ख) रेशम मार्ग
(ग) उत्तरा पथ
(घ) दक्षिण पथ
उत्तर: (ख) रेशम मार्ग
2. पहला विश्व बाजार के रूप में कौन सा शहर उभर कर आया?
(क) अलेग्जेंन्ड्रिया
(ख) दिलमुन
(ग) मैनचेस्टर
(घ) बहरीन
उत्तर: (ख) दिलमुन
3. आधुनिक युग में अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में होने वाली सबसे बड़ी क्रांति कौन सी थी?
(क) वाणिज्यिक क्रान्ति
(ख) औद्योगिक क्रान्ति
(ग) साम्यवादी क्रान्ति
(घ) भौगोलिक खोज
उत्तर: (ख) औद्योगिक क्रान्ति
4. ‘गिरमिटिया मजदूर’ बिहार के किस क्षेत्र से भेजे जाते थे?
(क) पूर्वी क्षेत्र
(ख) पश्चिमी क्षेत्र
(ग) उत्तरी क्षेत्र
(घ) दक्षिणी क्षेत्र
उत्तर: (ख) पश्चिमी क्षेत्र
5. विश्व बाजार का विस्तार आधुनिक काल में किस समय से आरंभ हुआ?
(क) 15वीं शताब्दी
(ख) 18वीं शताब्दी
(ग) 19वीं शताब्दी
(घ) 20वीं शताब्दी
उत्तर: (ख) 18वीं शताब्दी
6. विश्वव्यापी आर्थिक संकट किस वर्ष आरंभ हुआ था?
(क) 1914
(ख) 1922
(ग) 1929
(घ) 1927
उत्तर: (ग) 1929
7. आर्थिक संकट (मंदी) के कारण यूरोप में कौन सी नई शासन प्रणाली का उदय हुआ?
(क) साम्यवादी शासन प्रणाली
(ख) लोकतांत्रिक शासन प्रणाली
(ग) फासीवादी-नाजीवादी शासन
(घ) पूँजीवादी शासन प्रणाली
उत्तर: (ग) फासीवादी-नाजीवादी शासन
8. ब्रेटन वुड्स सम्मेलन किस वर्ष हुआ?
(क) 1945
(ख) 1947
(ग) 1944
(घ) 1952
उत्तर: (ग) 1944
9. भूमंडलीकरण की शुरूआत किस दशक में हुआ?
(क) 1990 के दशक में
(ख) 1970 के दशक में
(ग) 1960 के दशक में
(घ) 1980 के दशक में
उत्तर: (क) 1990 के दशक में
10. द्वितीय महायुद्ध के बाद यूरोप में कौन सी संस्था का उदय आर्थिक दुष्प्रभावों को समाप्त करने के लिए हुआ?
(क) सार्क
(ख) नाटो
(ग) ओपेक
(घ) यूरोपीय संघ
उत्तर: (घ) यूरोपीय संघ
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें:
- अलेग्जेक्ड्रीया नामक पहला विश्व बाजार __ के द्वारा स्थापित किया गया।
उत्तर: सिकन्दर - विश्वव्यापी आर्थिक संकट __ देश से आरंभ हुआ।
उत्तर: अमेरिका - __ नामक सम्मेलन के द्वारा विश्व बैंक और अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की स्थापना हुई?
उत्तर: ब्रेटन वुड्स सम्मेलन - आर्थिक संकट से विश्व स्तर पर __ नामक एक बड़ी सामाजिक समस्या उदित हुआ?
उत्तर: बेरोजगारी - __ ने 1990 के बाद भूमंडलीकरण की प्रक्रिया को काफी तीव्र कर दिया?
उत्तर: जॉन विलियम्स
सही मिलान करें:
उत्तर:
(क) औद्योगिक क्रान्ति — इंग्लैण्ड
(ख) हिटलर का उदय — जर्मनी
(ग) विश्व आर्थिक मंदी — 1929
(घ) विश्व बैंक की स्थापना — 1944
(ड) भूमंडलीकरण की शुरूआत — 1990 के बाद
(च) विश्व बाजार की शुरूआत — प्राचीन काल
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न:
1. विश्व बाजार किसे कहते हैं?
उत्तर:
संपूर्ण विश्व के विभिन्न देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और पूंजी का आदान-प्रदान विश्व बाजार कहलाता है।
2. औद्योगिक क्रान्ति क्या है?
उत्तर:
18वीं शताब्दी में यंत्रों और कारखानों के विकास से उत्पादकता में हुई अभूतपूर्व वृद्धि को औद्योगिक क्रांति कहते हैं।
3. आर्थिक संकट से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
आर्थिक संकट वह स्थिति है जब देश में बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई और वित्तीय समस्याएं बढ़ जाती हैं।
4. भूमंडलीकरण किसे कहते हैं?
उत्तर:
विभिन्न देशों के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक स्तर पर एक-दूसरे से जुड़ने की प्रक्रिया को भूमंडलीकरण कहते हैं।
5. ब्रेटेन वुड्स सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?
उत्तर:
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद वैश्विक वित्तीय स्थिरता हेतु अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की स्थापना के लिए यह सम्मेलन आयोजित हुआ।
6. बहुराष्ट्रीय कंपनी क्या है?
उत्तर:
वह कंपनी जो एक से अधिक देशों में उत्पादन, व्यापार या सेवाओं का संचालन करती है, बहुराष्ट्रीय कंपनी कहलाती है।
लघु उत्तरीय प्रश्न:
1. 1929 के आर्थिक संकट के कारणों को संक्षेप में स्पष्ट करें।
उत्तर:
1929 के आर्थिक संकट का मुख्य कारण अमेरिका में स्टॉक मार्केट का पतन था। बैंकों की विफलता, अत्यधिक उत्पादन, और गिरती मांग ने आर्थिक गतिविधियों को बाधित किया। अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश में गिरावट, कर्ज की अदायगी में असमर्थता, और संरक्षणवादी नीतियों ने संकट को और गंभीर बनाया।
2. औद्योगिक क्रांति ने किस प्रकार विश्व बाजार के स्वरूप को विस्तृत किया?
उत्तर:
औद्योगिक क्रांति ने बड़े पैमाने पर उत्पादन और मशीनों के उपयोग को बढ़ावा दिया। नई तकनीकों और परिवहन साधनों, जैसे रेलवे और स्टीमशिप, ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा दिया। देशों के बीच वस्तुओं, पूंजी और श्रम का प्रवाह तेज हुआ, जिससे एक वैश्विक बाजार का निर्माण हुआ।
3. विश्व बाजार के स्वरूप को समझाएँ।
उत्तर:
विश्व बाजार एक ऐसा आर्थिक ढांचा है, जिसमें विभिन्न देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और पूंजी का आदान-प्रदान होता है। यह तकनीकी प्रगति और अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौतों के कारण विस्तृत हुआ। यह बाजार वैश्विक प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करता है, लेकिन इसमें विकसित और विकासशील देशों के बीच असमानता भी देखने को मिलती है।
4. भूमंडलीकरण में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के योगदान (भूमिका) को स्पष्ट करें।
उत्तर:
बहुराष्ट्रीय कंपनियां वैश्विक अर्थव्यवस्था में निवेश, तकनीकी प्रसार, और रोजगार के अवसर प्रदान करती हैं। ये कंपनियां देशों के बीच व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देती हैं। हालांकि, यह भी देखा गया है कि इनका प्रभाव कई बार स्थानीय उद्योगों और पर्यावरण पर नकारात्मक पड़ता है।
5. 1950 के बाद विश्व अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के लिए किए जाने वाले प्रयासों पर प्रकाश डालें।
उत्तर:
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद ब्रेटन वुड्स संस्थाएं, जैसे आईएमएफ और विश्व बैंक, ने वित्तीय स्थिरता और पुनर्निर्माण में सहायता की। मार्शल योजना के तहत यूरोपीय देशों को आर्थिक सहायता दी गई। नए व्यापार समझौतों और औद्योगिक निवेश ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया।
6. भूमंडलीकरण के भारत पर प्रभावों को स्पष्ट करें।
उत्तर:
भूमंडलीकरण ने भारत में विदेशी निवेश, रोजगार और तकनीकी उन्नति को बढ़ावा दिया। आईटी और सेवा क्षेत्रों का तेजी से विकास हुआ। हालांकि, यह ग्रामीण क्षेत्रों और पारंपरिक उद्योगों पर नकारात्मक प्रभाव भी डालता है। आय असमानता और सांस्कृतिक बदलाव भी इसके प्रमुख प्रभाव हैं।
7. विश्व बाजार के लाभ-हानि पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
विश्व बाजार ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार, तकनीकी उन्नति, और आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया है। यह देशों के बीच सहयोग और संसाधनों के बेहतर उपयोग में सहायक है। लेकिन यह विकासशील देशों में असमानता, पर्यावरणीय क्षति, और सांस्कृतिक क्षरण का कारण भी बनता है। वैश्विक प्रतिस्पर्धा कमजोर अर्थव्यवस्थाओं के लिए चुनौती है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:
1. 1929 के आर्थिक संकट के कारण और परिणामों को स्पष्ट करें।
उत्तर:
1929 का आर्थिक संकट, जिसे “महामंदी” (Great Depression) कहा जाता है, अमेरिका के स्टॉक मार्केट के पतन से शुरू हुआ। उद्योगों में अत्यधिक उत्पादन और उपभोक्ता मांग में गिरावट संकट के मुख्य कारण बने। कृषि क्षेत्र पहले से ही कमजोर था, जिससे किसानों की आय प्रभावित हुई। बैंकों ने अधिक कर्ज दिए थे, जो लोग चुकाने में असमर्थ रहे। संरक्षणवादी नीतियों ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बाधित किया।
इसके परिणामस्वरूप वैश्विक अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। बेरोजगारी बढ़ी, गरीबी और भूखमरी में वृद्धि हुई। अंतरराष्ट्रीय व्यापार और उत्पादन घटा। जर्मनी और इटली जैसे देशों में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ी, जिसने फासीवाद और नाजीवाद के उदय को जन्म दिया। यह संकट द्वितीय विश्वयुद्ध के लिए पृष्ठभूमि तैयार करने वाले प्रमुख आर्थिक कारणों में से एक था।
2. 1945 से 1960 के बीच विश्वस्तर पर विकसित होने वाले आर्थिक संबंधों पर प्रकाश डालें।
उत्तर:
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद, वैश्विक आर्थिक पुनर्निर्माण की आवश्यकता महसूस हुई। 1944 में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप आईएमएफ और विश्व बैंक की स्थापना हुई। इन संस्थाओं का उद्देश्य आर्थिक स्थिरता बनाए रखना और युद्ध से प्रभावित देशों को सहायता प्रदान करना था।
मार्शल योजना के तहत अमेरिका ने यूरोपीय देशों को आर्थिक पुनर्निर्माण के लिए सहायता दी। व्यापार में सुधार के लिए जीएटीटी (GATT) समझौता किया गया। इस अवधि में औद्योगिक देशों ने उत्पादन क्षमता बढ़ाई और उपनिवेशवाद का अंत हुआ।
सोवियत संघ और अमेरिका के बीच शीत युद्ध ने आर्थिक संबंधों को प्रभावित किया। पूंजीवादी और साम्यवादी ब्लॉकों के बीच वैश्विक अर्थव्यवस्था दो हिस्सों में बंटी। इस समय की नीतियों और संस्थानों ने आधुनिक वैश्विक आर्थिक संरचना की नींव रखी।
3. भूमंडलीकरण के कारण आम लोगों के जीवन में आने वाले परिवर्तनों को स्पष्ट करें।
उत्तर:
भूमंडलीकरण ने आम लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव लाए। इससे बाजारों का विस्तार हुआ और उपभोक्ता वस्तुओं की उपलब्धता बढ़ी। तकनीकी प्रगति के कारण संचार और परिवहन आसान हुआ। इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं ने शिक्षा और रोजगार के नए अवसर प्रदान किए।
शहरी क्षेत्रों में जीवनशैली में बड़ा बदलाव आया। विदेशी उत्पादों और संस्कृति का प्रभाव स्पष्ट दिखा। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर कम हुए, क्योंकि पारंपरिक उद्योगों को प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा। आय असमानता बढ़ी और छोटे व्यवसायों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
इसके साथ ही, पर्यावरणीय समस्याएं भी बढ़ीं, क्योंकि उद्योगों का विस्तार संसाधनों के अत्यधिक उपयोग और प्रदूषण का कारण बना। कुल मिलाकर, भूमंडलीकरण ने जीवन को आधुनिक बनाया, लेकिन चुनौतियां भी पेश कीं।
4. 1919 से 1945 के बीच विकसित होने वाले राजनीतिक और आर्थिक संबंधों पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
1919 से 1945 का काल राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता से भरा था। प्रथम विश्वयुद्ध के बाद 1919 में वर्साय की संधि हुई, जिसने जर्मनी पर भारी प्रतिबंध लगाए। इससे जर्मनी में असंतोष और राजनीतिक उथल-पुथल बढ़ी।
1929 की महामंदी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया। अमेरिका और यूरोप में बेरोजगारी बढ़ी, और संरक्षणवादी नीतियों ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार को कमजोर किया। इस आर्थिक संकट ने फासीवाद और नाजीवाद जैसे विचारधाराओं को बढ़ावा दिया।
राजनीतिक रूप से, राष्ट्रसंघ (League of Nations) का गठन शांति बनाए रखने के लिए हुआ, लेकिन यह सफल नहीं रहा। जापान, इटली, और जर्मनी के विस्तारवादी रवैये ने द्वितीय विश्वयुद्ध की जमीन तैयार की। इस काल में स्वतंत्रता आंदोलनों ने भी गति पकड़ी, जिससे उपनिवेशवाद का अंत निकट आया।
दो महायुद्धों के बीच और 1945 के बाद औपनिवेशिक देशों में होने वाले राष्ट्रीय आंदोलनों पर निबंध लीखें।
उत्तर:
दो महायुद्धों के बीच का काल और 1945 के बाद का समय औपनिवेशिक देशों में राष्ट्रीय आंदोलनों की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। इन आंदोलनों ने वैश्विक राजनीति और समाज को गहराई से प्रभावित किया।
दो महायुद्धों के बीच राष्ट्रीय आंदोलन:-
प्रथम विश्वयुद्ध के बाद, औपनिवेशिक शक्तियों ने अपने उपनिवेशों में नियंत्रण बढ़ाने का प्रयास किया। भारत, वियतनाम, मिस्र, और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में स्वतंत्रता के लिए आंदोलन तेज हुए। भारत में महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन ने अंग्रेजों की सत्ता को चुनौती दी।
वियतनाम में हो ची मिन्ह के नेतृत्व में स्वतंत्रता आंदोलन ने फ्रांसीसी औपनिवेशिक ताकतों का विरोध किया। इसी तरह, मिस्र में वफद पार्टी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया। इन आंदोलनों की विशेषता अहिंसात्मक संघर्ष और जनता की व्यापक भागीदारी थी।
1945 के बाद राष्ट्रीय आंदोलन:-
द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद, औपनिवेशिक ताकतें कमजोर हो गईं। युद्ध ने उनके आर्थिक और सैन्य संसाधनों को सीमित कर दिया। इसने उपनिवेशों को अपनी स्वतंत्रता के लिए आंदोलन तेज करने का अवसर दिया। भारत को 1947 में स्वतंत्रता मिली, और इसके बाद कई एशियाई और अफ्रीकी देशों ने स्वतंत्रता प्राप्त की।
इंडोनेशिया में सुकर्णो और घाना में क्वामे नक्रूमाह ने स्वतंत्रता आंदोलनों का नेतृत्व किया। वियतनाम में फ्रांसीसी शासन के खिलाफ युद्ध जारी रहा, जो अंततः 1954 में जिनेवा समझौते के साथ समाप्त हुआ। अफ्रीकी देशों में उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष में पैन-अफ्रीकी आंदोलन का बड़ा योगदान रहा।
निष्कर्ष:-
दो महायुद्धों के बीच और 1945 के बाद के राष्ट्रीय आंदोलनों ने उपनिवेशवाद के अंत को चिह्नित किया। इन आंदोलनों ने वैश्विक स्तर पर स्वतंत्रता, समानता और आत्मनिर्णय के सिद्धांतों को मजबूत किया। यह काल साम्राज्यवाद के अंत और आधुनिक राष्ट्र-राज्यों के उदय का साक्षी बना।
वर्ग में परिचर्चा करें:
1. भूमंडलीकरण ने किस प्रकार सम्पूर्ण विश्व में संयुक्त राज्य अमेरिका का प्रभाव बढ़ाया ? कुछ उदाहरणों से इसे स्पष्ट करते हुए अपने सहपाठियों से शिक्षक की उपस्थिति में परिचर्चा करें।
2. अपने द्वारा इस्तेमाल में लाई जाने वाली उन वस्तुओं के विषय में वर्ग में चर्चा करें जो सम्पूर्ण विश्व में मिलता है। इसमें अपने शिक्षक का सहयोग लें।
Note – बेहतर यह होगा कि छात्र यह कार्य स्वयं, शिक्षक की सहायता से, या विभिन्न स्रोतों से जानकारी इकट्ठा करके करें।