शहरीकरण एवं शहरी जीवन – Bihar Board 10th History Chapter 6 Solutions

शहरीकरण एवं शहरी जीवन – Urbanisation and Urban Life

अभ्यास

वस्तुनिष्ठ प्रश्न:

1. सामंती व्यवस्था से हटकर किस प्रकार की शहरी व्यवस्था की प्रवृत्ति बढ़ी ?
(i) प्रगतिशील प्रवृति
(ii) आक्रामक प्रवृति
(iii) रूढ़िवादी प्रवृति
(iv) शोषणकारी प्रवृति
उत्तर: (i) प्रगतिशील प्रवृति

2. शहर को आधुनिक व्यक्ति का किस प्रकार का क्षेत्र माना जाता है ?
(i) सीमित क्षेत्र
(ii) प्रभाव क्षेत्र
(iii) विस्तृत क्षेत्र
(iv) अथवा सभी
उत्तर: (ii) प्रभाव क्षेत्र

3. स्थायी कृषि के प्रभाव से कैसा जमाव संभव हुआ ?
(i) संपत्ति
(ii) ज्ञान
(iii) शांति
(iv) बहुमूल्य धातु
उत्तर: (i) संपत्ति

4. एक प्रतियोगी एवं उद्यमी प्रवृति से प्रेरित किस प्रकार की अर्थव्यवस्था लागू की गई ?
(i) जीवन निर्वाह अर्थव्यवस्था
(ii) शिथिल अर्थव्यवस्था
(iii) मुद्रा प्रधान अर्थव्यवस्था
(iv) सभी
उत्तर: (iii) मुद्रा प्रधान अर्थव्यवस्था

5. आधुनिक काल में औद्योगीकरण ने किसके स्वरूप को गहन रूप से प्रभावित किया ?
(i) ग्रामीणकरण
(ii) शहरीकरण
(iii) कस्बों
(iv) बन्दरगाहों
उत्तर: (ii) शहरीकरण

6. जनसंख्या का घनत्व सबसे अधिक कहाँ होता है ?
(i) ग्राम
(ii) कस्बा
(iii) नगर
(iv) महानगर
उत्तर: (iv) महानगर

7. 1810 से 1880 ई. तक लंदन की आबादी 10 लाख से बढ़कर कहाँ तक पहुँची ?
(i) 20 लाख
(ii) 30 लाख
(iii) 40 लाख
(iv) 50 लाख
उत्तर: (iii) 40 लाख

8. लंदन में अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा कब लागू हुई ?
(i) 1850
(ii) 1855
(iii) 1860
(iv) 1870
उत्तर: (iv) 1870

9. कौन सा सामाजिक वर्ग बुद्धिजीवी वर्ग के रूप में उभर कर आया ?
(i) उद्योगपति वर्ग
(ii) पूंजीपति वर्ग
(iii) श्रमिक वर्ग
(iv) मध्यम वर्ग
उत्तर: (iv) मध्यम वर्ग

10. पूंजीपति वर्ग के द्वारा किस वर्ग का शोषण हुआ ?
(i) श्रमिक वर्ग
(ii) मध्यम वर्ग
(iii) कृषक वर्ग
(iv) सभी वर्ग
उत्तर: (i) श्रमिक वर्ग

रिक्त स्थानों को भरें –

  1. शहरों के विस्तार में भव्य _ का निर्माण हुआ।
    उत्तर: परफोटोक
  2. लंदन भारी संख्या में __ को आकर्षित करने में सफल हुआ।
    उत्तर: प्रवासिया
  3. शहरों में रहने वाले __ से सीमित थे ।
    उत्तर: बाध्यताओं
  4. __ देशों में नगरों के प्रति रुझान देखा जाता है।
    उत्तर: विकासशील
  5. __ के द्वारा निवास तथा आवासीय पद्धति, जन यातायात के साधन, जन स्वास्थ्य इत्यादि के उपाय किये गये।
    उत्तर: नगर प्रबंधन

समूहों का मिलान :


उत्तर:
1. मैनचेस्टर – 5. औद्योगिक नगर
2. चिकित्सक – 4. मध्यम वर्ग
3. प्रतियोगी मुद्रा प्रधान अर्थव्यवस्था – 1. नगर
4. बम्बई – 2. वाणिज्यिक राजधानी
5. पेरिस – 3. बेरॉन हॉसमान

लघु उत्तरीय प्रश्न:

1. किन तीन प्रक्रियाओं के द्वारा आधुनिक शहरों की स्थापना निर्णायक रूप से हुई ?
उत्तर:
आधुनिक शहरों की स्थापना निम्नलिखित तीन प्रमुख प्रक्रियाओं द्वारा हुई –

औद्योगिकीकरण:- औद्योगिकीकरण ने बड़े उद्योगों का विकास किया, जो शहरों में केंद्रीकृत हो गए, जिससे वहां श्रमिकों और रोजगार की मांग बढ़ी।
लोकतांत्रिक विचारधारा:- लोकतांत्रिक विचारधारा ने शहरी जीवन में समानता, स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों के महत्व को बढ़ाया, जिससे शहरों में एक नई सामाजिक और राजनीतिक संरचना का निर्माण हुआ।
उपनिवेशी प्रशासन:- उपनिवेशी शासन के दौरान, साम्राज्यवादी शक्तियों ने उपनिवेशों में शहरों का निर्माण किया और वहां अपनी प्रशासनिक और आर्थिक गतिविधियों को केंद्रीत किया, जिससे शहरों का आकार और महत्व बढ़ा।

2. समाज का वर्गीकरण ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में किस भिन्नता के आधार पर किया जाता है?
उत्तर:
समाज का वर्गीकरण मुख्य रूप से आर्थिक और सामाजिक आधार पर किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यतः कृषि आधारित जीवनशैली होती है, जहां लोग खेती और पशुपालन में लगे होते हैं। नगरीय क्षेत्रों में उद्योग, व्यापार और सेवा क्षेत्र में कार्य करने वाले लोग होते हैं। इस भिन्नता के आधार पर दोनों क्षेत्रों के जीवनशैली, कार्यों और सामाजिक संरचनाओं में अंतर पाया जाता है।

3. आर्थिक तथा प्रशासनिक संदर्भ में ग्रामीण तथा नगरीय बनावट के दो प्रमुख आधार क्या हैं?
उत्तर:
आर्थिक संदर्भ में, ग्रामीण बनावट कृषि पर निर्भर करती है, जबकि नगरीय बनावट उद्योग और सेवाओं पर आधारित होती है। प्रशासनिक संदर्भ में, ग्रामीण क्षेत्रों में शासन अधिक केंद्रीकृत होता है और स्थानीय स्वायत्तता कम होती है, जबकि नगरीय क्षेत्रों में प्रशासन अधिक संरचित होता है और सरकारी तंत्र के द्वारा सशक्त नियंत्रण होता है।

4. गांव के कृषिजन्य आर्थिक क्रियाकलापों की विशेषता को दर्शायें ।
उत्तर:
गांवों में कृषि मुख्य आर्थिक गतिविधि होती है, जिसमें अनाज, सब्जियां, फल और पशुपालन प्रमुख होते हैं। यहां की प्रमुख विशेषता है आत्मनिर्भरता, जहां लोग अपनी आवश्यकताओं के लिए कृषि उत्पादों का उत्पादन करते हैं। इसके अतिरिक्त, गांवों में कृषि तकनीकें पारंपरिक होती हैं, और यहां छोटे पैमाने पर उत्पादन होता है, जो स्थानीय जरूरतों को पूरा करता है।

5. शहर किस प्रकार के क्रियाओं के केन्द्र होते हैं ?
उत्तर:
शहर आर्थिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक गतिविधियों के प्रमुख केंद्र होते हैं। यहां व्यापार, उद्योग, और सेवाओं का आदान-प्रदान होता है, जिससे आर्थिक विकास होता है। इसके अलावा, शहरों में शिक्षा, कला, संगीत, और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए भी महत्वपूर्ण स्थान होते हैं, जो समाज को नया दृष्टिकोण प्रदान करते हैं। शहरी क्षेत्रों में राजनीतिक निर्णय भी होते हैं, जिससे प्रशासन की दिशा निर्धारित होती है।

6. नगरीय जीवन एवं आधुनिकता एक-दूसरे से अभिन्न रूप से कैसे जुड़े हुए हैं ?
उत्तर:
नगरीय जीवन और आधुनिकता का गहरा संबंध है, क्योंकि शहरीकरण के साथ नये विचार, तकनीक और जीवनशैली का विकास हुआ। शहरी जीवन में उच्च स्तर की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और सामाजिक गतिशीलता के कारण लोग अधिक आधुनिक सोच अपनाते हैं। इसके अलावा, शहरों में नवीनतम तकनीकी नवाचार और उद्योगों का केन्द्र होने के कारण सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण में भी बदलाव आता है।

7. नगरों में विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग अल्पसंख्यक है ऐसी मान्यता क्यों बनी है ?
उत्तर:
नगरों में विशेषाधिकार प्राप्त वर्गों को अल्पसंख्यक माना जाता है, क्योंकि शहरों में उच्च वर्ग के लोग जैसे व्यापारी, उद्योगपति, और सरकारी कर्मचारी अन्य सामाजिक वर्गों से कम संख्या में होते हैं। यह वर्ग अधिक संपत्ति और संसाधनों का नियंत्रण करता है, जबकि मजदूर वर्ग और गरीब वर्ग की संख्या अधिक होती है। इसलिए, समाज में आर्थिक असमानता के कारण यह विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग अल्पसंख्यक माना जाता है।

8. नागरिक अधिकारों के प्रति एक नई चेतना किस प्रकार के आंदोलन या प्रयास से बने ?
उत्तर:
नागरिक अधिकारों के प्रति नई चेतना समाज सुधार आंदोलनों और स्वतंत्रता संग्रामों के माध्यम से उत्पन्न हुई। विशेषकर 19वीं और 20वीं शताब्दी में, जैसे अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, इन आंदोलनों ने नागरिकों के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलायी। इन प्रयासों ने अधिकारों की समानता, स्वतंत्रता, और न्याय की मांग को व्यापक रूप से समाज में फैलाया।

9. शहरों ने किन नई समस्याओं को जन्म दिया ?
उत्तर:
शहरों के विकास ने कई नई समस्याओं को जन्म दिया, जिनमें अत्यधिक जनसंख्या घनत्व, कुपोषण, बेरोजगारी, प्रदूषण और बुनियादी सेवाओं की कमी प्रमुख हैं। शहरीकरण के साथ शहरी संकट जैसे आवास संकट, ट्रैफिक जाम, और पर्यावरणीय समस्याएं भी बढ़ी हैं। इसके अलावा, शहरी जीवन की तेज गति के कारण मानसिक तनाव और सामाजिक असमानता भी एक प्रमुख समस्या बन गई है।

10. व्यावसायिक पूंजीवाद ने किस प्रकार नगरों के उद्भव में अपना योगदान दिया ?
उत्तर:
व्यावसायिक पूंजीवाद ने नगरों के उद्भव में महत्वपूर्ण योगदान दिया, क्योंकि इसने व्यापार और उद्योगों को बढ़ावा दिया। पूंजीवाद के तहत व्यापारिक गतिविधियां और उद्योगों की स्थापना शहरों में हुई, जिससे व्यापारिक केंद्रों और कारखानों का विकास हुआ। इसके परिणामस्वरूप शहरीकरण की प्रक्रिया तेज हुई और शहरों में पूंजी के प्रवाह ने आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया।

11. शहरों के उद्भव में मध्यम वर्ग की भूमिका किस प्रकार की रही ?
उत्तर:
शहरों के उद्भव में मध्यम वर्ग की भूमिका निर्णायक रही है, क्योंकि इस वर्ग ने व्यापार, शिक्षा, और उद्योग में महत्वपूर्ण योगदान दिया। मध्यम वर्ग के लोग शहरी जीवन की आधुनिक संरचनाओं का हिस्सा बने और उन्होंने शहरों में बौद्धिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का संचालन किया। उनके कारण शहरों में नई सोच, कार्यशीलता और सामाजिक विकास हुआ।

12. श्रमिक वर्ग का आगमन शहरों में किस परिस्थितियों के अन्तर्गत हुआ ?
उत्तर:
श्रमिक वर्ग का आगमन शहरों में औद्योगिकीकरण और कारखानों के बढ़ने के कारण हुआ। जब कृषि आधारित जीवनशैली से उद्योगों में काम करने की आवश्यकता बढ़ी, तब मजदूरों को शहरों में रोजगार की तलाश में आना पड़ा। इसके अलावा, गांवों में रोजगार के अवसर कम हो गए थे, जिससे श्रमिक वर्ग का शहरी क्षेत्रों में प्रवास बढ़ा। शहरीकरण के साथ, श्रमिक वर्ग के लिए आवश्यकताओं के आधार पर कार्यस्थल विकसित हुए।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:

1. शहरों के विकास की पृष्ठभूमि एवं उसके प्रक्रिया पर प्रकाश डालें।
उत्तर:
शहरों के विकास की प्रक्रिया एक दीर्घकालिक और जटिल घटना है, जो ऐतिहासिक, सामाजिक, और आर्थिक बदलावों से प्रभावित हुई। औद्योगिकीकरण के कारण बड़े पैमाने पर उद्योगों का विकास हुआ, जिससे शहरों में श्रमिकों की संख्या में वृद्धि हुई। यह प्रक्रिया 18वीं और 19वीं शताबदी में यूरोप और अमेरिका के औद्योगिक क्रांति के बाद तेजी से बढ़ी। औद्योगिक क्रांति ने गांवों से शहरों की ओर बड़े पैमाने पर लोगों का प्रवास कराया, जिससे शहरीकरण की प्रक्रिया तेज़ हुई। शहरीकरण का मतलब था – शहरों का विस्तार और वहां रहने वाली जनसंख्या में वृद्धि। इसके साथ ही, औपनिवेशिक शक्तियों ने उपनिवेशी शहरों का निर्माण किया, जिनका उद्देश्य व्यापार, संसाधनों का दोहन और प्रशासनिक नियंत्रण था। उदाहरण के तौर पर, ब्रिटिश साम्राज्य के तहत बम्बई (मुंबई) और कलकत्ता (कोलकाता) जैसे शहरों का विकास हुआ। इसके साथ ही लोकतांत्रिक विचारधारा, जैसे समानता, स्वतंत्रता, और अधिकारों की अवधारणाएं, शहरी जीवन को प्रभावित करने लगीं। इन सभी प्रक्रियाओं ने मिलकर शहरों को आधुनिक रूप दिया, जहां बुनियादी ढांचा, शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योग एक नई दिशा में बढ़े। इस प्रकार, औद्योगिकीकरण, शहरीकरण, और औपनिवेशिक प्रशासन जैसी प्रक्रियाओं ने शहरों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

2. ग्रामीण तथा नगरीय जीवन के बीच की भिन्नता को स्पष्ट करें।
उत्तर:
ग्रामीण और नगरीय जीवन में कई प्रकार की भिन्नताएं पाई जाती हैं, जो उनके सामाजिक, सांस्कृतिक, और आर्थिक पहलुओं में स्पष्ट होती हैं। ग्रामीण जीवन मुख्य रूप से कृषि और पशुपालन पर निर्भर होता है, जहां लोग परंपरागत और आत्मनिर्भर जीवन जीते हैं। यहां परिजन और समुदाय एक दूसरे से जुड़े होते हैं और पारिवारिक संरचनाएं बहुत मजबूत होती हैं। गांवों में बुनियादी सुविधाओं की कमी हो सकती है, जैसे बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, और रोजगार के अवसर। इसके विपरीत, नगरीय जीवन में उद्योग, व्यापार, और सेवाएं प्रमुख होती हैं। शहरों में जीवन की गति तेज़ होती है, जहां लोग अपने कार्यों के लिए बाहरी क्षेत्रों से संपर्क करते हैं और यहां जीवन में अधिक विविधता होती है। शहरी जीवन में सामाजिक और सांस्कृतिक सक्रियता अधिक होती है और लोग व्यक्तिगत स्वतंत्रता की ओर अधिक उन्मुख होते हैं। नगरीय जीवन में प्रतिस्पर्धा, उपभोक्तावाद, और आधुनिकता अधिक प्रभावी होती है, जबकि ग्रामीण जीवन में परंपराएं और सामूहिकता की भावना अधिक होती है। शहरी क्षेत्रों में बेहतर बुनियादी ढांचा, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं होती हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में ये अक्सर सीमित होती हैं। इस प्रकार, ग्रामीण और नगरीय जीवन में आर्थिक अवसरों, सामाजिक संरचनाओं और जीवनशैली में काफी अंतर होता है।

3. शहरी जीवन में किस प्रकार के सामाजिक बदलाव आए।
उत्तर:
शहरी जीवन में कई महत्वपूर्ण सामाजिक बदलाव हुए, जो औद्योगिकीकरण, शहरीकरण और शहरी जीवन की नई सोच से प्रभावित थे। सबसे पहले, शहरीकरण ने समाज को सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से अधिक विविध बना दिया। विभिन्न जातियों, धर्मों और सांस्कृतिक पृष्ठभूमियों के लोग एक ही जगह रहने लगे, जिससे नए प्रकार की सामाजिक समझ और परस्पर संवाद की स्थितियां पैदा हुईं। शहरीकरण ने महिलाओं के अधिकारों में भी सुधार किया, क्योंकि शहरी क्षेत्रों में महिलाओं को शिक्षा और रोजगार के अधिक अवसर मिले, जिससे उनके जीवन में स्वतंत्रता और समानता का एहसास हुआ। इसके अलावा, शहरी जीवन ने उपभोक्तावाद और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को बढ़ावा दिया। लोगों की प्राथमिकताएं बदलने लगीं, जैसे परिवार की पारंपरिक भूमिका में कमी आना, और व्यक्तिगत सफलता को प्राथमिकता देना। हालांकि, शहरीकरण ने असमानताओं को भी बढ़ाया। गरीब और अमीर के बीच की खाई और बढ़ी, विशेष रूप से आवास संकट, बेरोजगारी और असमान शिक्षा के कारण। सामाजिक बदलावों के साथ, शहरी जीवन में पारिवारिक संरचनाओं, परंपराओं और मूल्यों में भी बदलाव आया, जो समाज के समग्र दृष्टिकोण को प्रभावित करने लगे।

4. शहरीकरण की प्रक्रिया में व्यवसायी वर्ग, मध्यमवर्ग एवं मजदूर वर्ग की भूमिका की चर्चा करें।
उत्तर:
शहरीकरण की प्रक्रिया में व्यवसायी वर्ग, मध्यमवर्ग और मजदूर वर्ग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। व्यवसायी वर्ग ने औद्योगिकीकरण के माध्यम से व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया, जिससे शहरों में उद्योगों और व्यापार के अवसर बढ़े। उन्होंने शहरों के बुनियादी ढांचे के विकास में भी योगदान दिया, जैसे रेल, सड़कों, और बंदरगाहों का निर्माण, जो आर्थिक गतिविधियों को तेज़ी से बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण थे। व्यवसायी वर्ग के पास न केवल आर्थिक संसाधन थे, बल्कि उनके पास शहरों के विकास को दिशा देने की क्षमता भी थी। दूसरी ओर, मध्यमवर्ग ने शिक्षा, स्वास्थ्य और समाजिक सुधारों के माध्यम से शहरी जीवन को नए दृष्टिकोण से देखा। वे शहरी संस्कृति के प्रवर्तक थे और उन्होंने नगरों के बुनियादी ढांचे, जैसे विद्यालय, अस्पताल और अन्य सार्वजनिक सेवाओं की स्थापना में योगदान दिया। मजदूर वर्ग का शहरीकरण में महत्वपूर्ण योगदान था क्योंकि वे औद्योगिक क्रांति का हिस्सा बने। उद्योगों और कारखानों में काम करके, मजदूरों ने शहरी जीवन को आकार दिया। उनका जीवन कठिन था, लेकिन वे आर्थिक विकास में सहायक बने। इन तीन वर्गों ने मिलकर शहरीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया और आधुनिक शहरों के निर्माण में अपनी भूमिका निभाई।

5. एक औपनिवेशिक शहर के रूप में बम्बई शहर के विकास की समीक्षा करें।
उत्तर:
बम्बई (अब मुंबई) शहर का औपनिवेशिक विकास ब्रिटिश साम्राज्य की औद्योगिक और व्यापारिक रणनीतियों से प्रेरित था। 18वीं शताबदी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने बम्बई को एक महत्वपूर्ण बंदरगाह के रूप में चुना। इसके बाद, औद्योगिकीकरण और व्यापारिक गतिविधियों ने बम्बई को एक प्रमुख व्यापारिक और औद्योगिक केंद्र बना दिया। औपनिवेशिक शासन ने बम्बई में रेल, बंदरगाह, सड़कों और पुलों का निर्माण किया, जिससे शहर के आर्थिक विकास को गति मिली। हालांकि, उपनिवेशी शासन ने भारतीयों को श्रमिक के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया और संसाधनों का दोहन किया। बम्बई में यूरोपीय और भारतीय समुदायों के बीच स्पष्ट भेदभाव था, और यह शहर एक सांस्कृतिक मिलाजुला था। ब्रिटिशों ने बम्बई को अपनी साम्राज्यवादी नीतियों का केन्द्र बनाया, जिससे भारतीयों के लिए अवसर सीमित रहे। हालांकि, बम्बई ने धीरे-धीरे अपनी औद्योगिक और व्यापारिक ताकत को बढ़ाया और आज भी यह एक वैश्विक आर्थिक केंद्र के रूप में उभरा है।

परियोजना कार्य:

1. अपने शहर में पाँच तरह के इमारतों को चुनिए। प्रत्येक के विषय में जानकारी प्राप्त कीजिए, उन्हें बनाने का निर्णय क्यों लिया गया ? उनके लिए संसाधनों की व्यवस्था केसे की गई, उनके निर्माण का उत्तरदायित्व किसे सौंपा गया ? इन इमारतों के स्थापत्य संबंधी आयामों का वर्णन कीजिए और औपनिवेशिक स्थापत्य से उनकी समानताओं या भिन्नताओं को चिन्हित कीजिए ।

2.जानकारी प्राप्त कीजिए कि आपके शहर में स्थानीय प्रशासन कौन-सी सेवाएं प्रदान करता है ? क्या जलापूर्ति, आवास, यातायात और स्वास्थ्य एवं स्वच्छता आदि सेवाएं भी उन्हीं के द्वारा प्रदान की जाती है । इन सेवाओं के लिए संसाधनों की व्यवस्था कैसे है ? नीतियाँ किस प्रकार की होती है ?

Note – बेहतर यह होगा कि छात्र यह कार्य स्वयं, शिक्षक की सहायता से, या विभिन्न स्रोतों से जानकारी इकट्ठा करके करें।

शहरीकरण एवं शहरी जीवन – Bihar Board 10th History Chapter 6 Solutions


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