(ङ) शक्ति (ऊर्जा) संसाधन – Notes Bihar Board 10th Geography Chapter 1 E

(ङ) शक्ति (ऊर्जा) संसाधन – Notes : Power (Energy) Resources

शक्ति (ऊर्जा) संसाधन (Power/Energy Resources)

शक्ति विकास की कुंजी है। मानव ने अपने कार्यों के लिए जैव (Biotic) और अजैव (Abiotic) ऊर्जा स्रोतों का उपयोग किया है।

इतिहास (History):

  • प्रारंभिक समय में: शारीरिक शक्ति और पशुओं का उपयोग।
  • 18वीं शताब्दी में: औद्योगिक क्रांति के साथ कोयला और वाष्प-शक्ति का विकास।
  • आधुनिक काल में: पेट्रोलियम, परमाणु शक्ति, और जल विद्युत का विकास।

शक्ति संसाधन के प्रकार (Types of Energy Resources)

1. उपयोग स्तर के आधार पर (Based on Usage Level):

  • सतत शक्ति (Renewable Energy): सौर किरणें, पवन, प्रवाहित जल।
  • समापनीय शक्ति (Non-renewable Energy): कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस।

2. उपयोगिता के आधार पर (Based on Utility):

  • प्राथमिक ऊर्जा (Primary Energy): कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस।
  • गौण ऊर्जा (Secondary Energy): विद्युत, जो प्राथमिक ऊर्जा से प्राप्त होती है।

3. स्रोत की स्थिति के आधार पर (Based on Resource Location):

  • क्षयशील शक्ति (Exhaustible Energy): कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस।
  • अक्षयशील शक्ति (Inexhaustible Energy): प्रवाही जल, पवन, सौर ऊर्जा।

4. संरचनात्मक गुणों के आधार पर (Based on Structural Properties):

  • जैविक ऊर्जा स्रोत (Biotic Energy Source): मानव शक्ति, प्राणी शक्ति।
  • अजैविक ऊर्जा स्रोत (Abiotic Energy Source): जल शक्ति, पवन शक्ति, सौर शक्ति।

5. समय के आधार पर (Based on Time Period):

  • पारंपरिक शक्ति संसाधन (Conventional Energy Resources): कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस।
  • गैर-पारंपरिक शक्ति संसाधन (Non-conventional Energy Resources): सौर ऊर्जा, पवन शक्ति, ज्वारीय ऊर्जा।

आधुनिक शक्ति स्रोत (Modern Energy Sources)

  • मुख्य स्रोत (Primary Sources): कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, प्रवाहित जल, आण्विक खनिज।
  • उभरते स्रोत (Emerging Sources): सौर ऊर्जा, पवन शक्ति, ज्वारीय शक्ति, भूतापीय ऊर्जा, जैव शक्ति।

पारम्परिक ऊर्जा स्रोत (Conventional Energy Resources)

परिभाषा:

कोयला, पेट्रोलियम, और प्राकृतिक गैस जैसे खनिज ईंधन (Mineral Fuels) को पारंपरिक ऊर्जा स्रोत कहा जाता है। ये समाप्य संसाधन (Exhaustible Resources) हैं।

1. कोयला (Coal)

परिचय:

कोयला ऊर्जा का एक प्रमुख स्रोत है। 1 जनवरी 2008 तक भारत में 1200 मीटर की गहराई तक 26,454 करोड़ टन कोयले का अनुमानित भंडार है।

भूगर्भिक समूह:

1. गोंडवाना समूह (Gondwana Group):

भारत के 96% कोयले का भंडार और कुल उत्पादन का 99%।

मुख्य क्षेत्र: दामोदर, सोन, महानदी, वार्घा-गोदावरी घाटियां।

2. टर्शियरी समूह (Tertiary Group):

असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड के क्षेत्रों में मिलता है।

कोयले का वर्गीकरण (Classification of coal):

1. एंथ्रासाइट (Anthracite): उच्चतम गुणवत्ता, 90%+ कार्बन।

2. बिटुमिनस (Bituminous): 70-90% कार्बन, धातु उद्योग में उपयोगी।

3. लिग्नाइट (Lignite): निम्न गुणवत्ता, 30-70% कार्बन।

4. पीट (Peat): 30% से कम कार्बन, दलदली क्षेत्रों में पाया जाता है।

मुख्य कोयला क्षेत्र:

  • झारखंड: झरिया, बोकारो, रामगढ़।
  • छत्तीसगढ़: चिरिमिरी, कोरबा।
  • उड़ीसा: तालचर क्षेत्र।
  • महाराष्ट्र: चांदा, वर्धा।
  • पश्चिम बंगाल: रानीगंज क्षेत्र।

2. पेट्रोलियम (Petroleum)

परिचय:

पेट्रोलियम आधुनिक ऊर्जा का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत है। इससे गैसोलीन, डीजल, प्लास्टिक आदि का उत्पादन होता है। भारत में पेट्रोलियम का अनुमानित भंडार 17 अरब टन है।

मुख्य तेल उत्पादक क्षेत्र:

  1. उत्तरी-पूर्वी प्रदेश: डिगबोई, नहरकटिया।
  2. गुजरात: अंकलेश्वर, मेहसाणा।
  3. मुंबई हाई: भारत का सबसे बड़ा तेल क्षेत्र।
  4. पूर्वी तट: कृष्णा-गोदावरी और कावेरी बेसिन।
  5. बाड़मेर बेसिन: राजस्थान का मंगला तेल क्षेत्र।

तेल परिष्करण (Oil Refining):

  • भारत में 18 तेल परिष्करण केंद्र हैं।
  • पहला केंद्र असम के डिगबोई में 1901 में स्थापित हुआ।

3. प्राकृतिक गैस (Natural Gas)

परिचय:

प्राकृतिक गैस एक महत्वपूर्ण ईंधन है। इसका उपयोग उद्योग, विद्युत उत्पादन, और परिवहन में होता है।

उत्पादन:

  • 1984-85 में 723 करोड़ घन मीटर उत्पादन था, जो 2004-05 में 3082 करोड़ घन मीटर हो गया।

मुख्य उत्पादक क्षेत्र:

  • प्रायः पेट्रोलियम क्षेत्रों से प्राकृतिक गैस भी मिलती है।

4. विद्युत शक्ति:

विद्युत शक्ति ऊर्जा का महत्वपूर्ण स्रोत है, जो विकास का सूचकांक मानी जाती है।

जल विद्युत:

(ङ) शक्ति (ऊर्जा) संसाधन – Notes - जल विद्युत
  • प्रवाहमय जल स्रोत से उत्पन्न होती है।
  • जल से ऊर्जा का उत्पादन परंपरागत रूप से किया जाता रहा है।
  • 20वीं सदी में डायनेमो और बांधों के निर्माण से तीव्र हुआ।
  • आवश्यक शर्तें: नदी का ढाल, तीव्र वेग, जल प्रपात और पहाड़ी क्षेत्रों में उपयुक्त।
  • प्रमुख परियोजनाएँ –
  • भाखड़ा नंगल: 7 लाख किलोवाट बिजली उत्पादन।
  • दामोदरघाटी: 1300 मेगावाट उत्पादन, झारखंड और पश्चिम बंगाल को लाभ।
  • कोशी परियोजना: बिहार और नेपाल में बिजली उत्पादन।
  • रिहन्द परियोजना: 30 लाख किलोवाट क्षमता, उत्तर प्रदेश में।

ताप विद्युत:

  • कोयला, पेट्रोलियम, या गैस से उत्पन्न उष्मा द्वारा उत्पादन।
  • संसाधन: कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस (जीवाश्म ईंधन)।
  • भारत में उत्पादन: 1997-98 तक 64 हजार मेगावाट, 2004 तक 78,4921 मेगावाट।
  • प्रमुख उत्पादक: राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (NTPC).

परमाणु विद्युत:

  • आण्विक खनिजों के विखण्डन से उत्पन्न होती है।
  • विकास: परमाणु विखंडन से ऊर्जा उत्पादन।
  • ईंधन खनिज: यूरेनियम, मोनाजाइट, इल्मेनाइट, बैनेडियम इत्यादि।
  • प्रमुख संयंत्र –
  • तारापुर: एशिया का सबसे बड़ा परमाणु विद्युत गृह।
  • राणाप्रताप सागर: राजस्थान, 100 मेगावाट क्षमता।
  • कलपक्कम: तमिलनाडु, स्वदेशी निर्माण, 335 मेगावाट।

गैर-पारम्परिक शक्ति के स्त्रोत

  • हमलोग पारम्परिक शक्ति के साधनों पर अधिक समय तक निर्भर नहीं रह सकते।
  • बायो गैस, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय एवं तरंग ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा, जैव ऊर्जा महत्वपूर्ण हैं।
  • भारत ने ऊर्जा नवीकरणीय गैर-पारम्परिक स्रोतों का उपयोग करने के लिए प्रौद्योगिकी विकसित की है।
  • गैर-पारम्परिक ऊर्जा के स्त्रोत प्रदूषण मुक्त होते हैं।

1. सौर ऊर्जा

  • सूर्य की किरणों को ऊर्जा में परिवर्तित करने से सौर ऊर्जा उत्पन्न होती है।
  • यह कम लागत वाला और पर्यावरण के अनुकूल है।
  • गुजरात, राजस्थान में सौर ऊर्जा की अधिक संभावनाएँ हैं।

2. पवन ऊर्जा

  • पवन चक्कियों से पवन ऊर्जा प्राप्त की जाती है।
  • भारत विश्व का सबसे बड़ा पवन ऊर्जा उत्पादक देश है।
  • तमिलनाडु, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में पवन ऊर्जा के लिए अनुकूल स्थितियाँ हैं।

3. ज्वार ऊर्जा

  • समुद्र के ज्वार और तरंगों से अपार ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है।
  • भारत में 8,000-9,000 मेगावाट संभाव्य ज्वारीय और तरंग ऊर्जा है।
  • खम्भात की खाड़ी में सबसे ज्यादा ऊर्जा मिल सकती है।

4. भूतापीय ऊर्जा

  • यह पृथ्वी के उच्च ताप से प्राप्त की जाती है।
  • हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में भूतापीय ऊर्जा संयंत्र स्थापित हैं।

5. बायो गैस और जैव ऊर्जा

  • कृषि अपशिष्ट और पशु गोबर से बायो गैस उत्पन्न की जाती है।
  • जैविक पदार्थों से प्राप्त ऊर्जा को जैविक ऊर्जा कहते हैं।
  • कूड़ा-करकट से ऊर्जा बनाने की परियोजना दिल्ली में शुरू की गई है।

शक्ति संसाधनों का संरक्षण

  • ऊर्जा संकट से बचने के लिए मितव्ययीता बरती जाए।
  • पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के नए क्षेत्रों की खोज की जाए।
  • वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों का उपयोग बढ़ाया जाए।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से ऊर्जा संकट का समाधान किया जा सकता है।

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