(घ) खनिज संसाधन – Notes Bihar Board 10th Geography Chapter 1 D

(घ) खनिज संसाधन – Notes (Mineral Resources)

Introduction (परिचय)

  • खनिज आधुनिक सभ्यता और संस्कृति का मुख्य आधार हैं।
  • भारत में 100 से अधिक खनिज पाए जाते हैं, और कुछ खनिजों के उत्पादन में भारत अग्रणी है।
  • स्वतंत्रता के बाद खनिजों के सर्वेक्षण और विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया।
  • इसके लिए Geological Survey of India (GSI), Oil and Natural Gas Commission (ONGC) इत्यादि की स्थापना की गई, इसके अलावा निजी क्षेत्र की कंपनियों का भी महत्वपूर्ण योगदान है।

खनिज (Mineral)

  • खनिज: एक प्राकृतिक पदार्थ, जिसमें रासायनिक और भौतिक गुण निश्चित होते हैं।
  • चट्टानों का निर्माण खनिजों से होता है।
  • अब तक ~2000 खनिज पहचाने गए हैं, लेकिन आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण केवल 30 खनिज हैं।

Types of Minerals (खनिजों के प्रकार)-

1. धात्विक खनिज (Metallic Minerals)

  • ये खनिज धातु से बने होते हैं।
  • उदाहरण: लौह अयस्क, तांबा, मैंगनीज।
  • उपप्रकार:
  • लौहयुक्त खनिज (Ferrous Minerals):
    • इनमें लोहे की अधिक मात्रा होती है।
    • उदाहरण:- लौह अयस्क, मैंगनीज, टंगस्टन।
  • अलौहयुक्त खनिज (Non-Ferrous Minerals):
    • इनमें लोहे की मात्रा नहीं होती या बहुत कम होती है।
    • उदाहरण:- सोना, चांदी, बॉक्साइट।

2. अधात्विक खनिज (Non-Metallic Minerals)

  • इन खनिजों में धातु नहीं होती।
  • उदाहरण: चूना पत्थर, अभ्रक।
  • उपप्रकार:
  • कार्बनिक खनिज (Organic Minerals):
    • जीवाश्म आधारित खनिज।
    • उदाहरण:- कोयला, पेट्रोलियम।
  • अकार्बनिक खनिज (Inorganic Minerals):
    • बिना जीवाश्म के खनिज।
    • उदाहरण:- अभ्रक, ग्रेफाइट।

विशेषताएँ:

  • खनिजों का वितरण असमान है।
  • उच्च गुणवत्ता वाले खनिज दुर्लभ और कम गुणवत्ता वाले प्रचुर मात्रा में मिलते हैं।
  • खनिज समाप्त होने वाले संसाधन हैं, इसलिए इनका संरक्षण आवश्यक है।

खनिज वितरण

  • भारत में अधिकांश खनिज निम्नलिखित तीन पटियों में पाई जाति है:-

1. उत्तरी-पूर्वी पठार (Northeastern Plateau)

  • छोटानागपुर, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, और पूर्वी आंध्र प्रदेश शामिल।
  • प्रमुख खनिज: लौह अयस्क, मैंगनीज, बॉक्साइट, यूरेनियम।

2. दक्षिण-पश्चिम पठार (Southwestern Plateau)

  • कर्नाटक और तमिलनाडु का पठार।
  • प्रमुख खनिज: लौह अयस्क, बॉक्साइट, सोना।

3. उत्तर-पश्चिम क्षेत्र (Northwestern Region)

  • खंभात की खाड़ी से अरावली तक।
  • प्रमुख खनिज: चांदी, सीसा, जस्ता।
  • अन्य: संगमरमर, जिप्सम, नमक।

4. हिमालय क्षेत्र (Himalayan Region)

  • प्रमुख खनिज: तांबा, कोबाल्ट, सीसा।

धात्विक खनिज (लौह)

1. लौह अयस्क (Iron Ore)

  • महत्व: आधुनिक उद्योगों की जननी, भारत में विश्व के लौह भंडार का एक चौथाई।

प्रकार:

  1. हेमाटाइट (Hematite)
  2. मैग्नेटाइट (Magnetite)
  3. लिमोनाइट (Limonite)

वितरण:

  • कुल भंडार का 96% कर्नाटक, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, गोवा, झारखंड में।
  • प्रमुख उत्पादक राज्य:-
  • कर्नाटक: बेल्लारी, बाबाबूदन, कालाहांडी।
  • छत्तीसगढ़: बैलाडिला, डल्ली, राजहरा।
  • उड़ीसा: गुरू मिहषानी, बादाम पहाड़।
  • गोवा: साहक्वालिम, संग्यूम।
  • झारखंड: सिंहभूम, सरायकेला।
  • उत्पादन वृद्धि: 1950-51 में 42 लाख टन → 2004-05 में 1427.1 लाख टन।

2. मैंगनीज अयस्क (Manganese Ore)

1. महत्व:

  • उपयोग: इस्पात, बैटरियां, फोटोग्राफी, माचिस, पेंट, कीटनाशक।
  • 1 टन इस्पात बनाने में 10 किलोग्राम मैंगनीज आवश्यक।

2. वितरण:

  • कुल भंडार: 1670 लाख टन।
  • प्रमुख उत्पादक राज्य:
  • उड़ीसा: 37%, खदानें- सुंद्रगढ़, कालाहांडी।
  • महाराष्ट्र: 25%, नागपुर, भंडारा।
  • मध्य प्रदेश: 21%, बालाघाट, छिंदवाड़ा।
  • कर्नाटक: शिमोगा, धारवाड़।
  • आंध्र प्रदेश: श्रीकाकुलम।

धात्विक खनिज (अलौह)

1. बॉक्साइट (Bauxite)

  • महत्व: अल्यूमिनियम उत्पादन।
  • उपयोग: वायुयान, विद्युत उपकरण, बर्तन, सफेद सीमेंट।
  • भंडार: 3037 मिलियन टन।
  • वितरण:
  • उड़ीसा: 42%, कालाहांडी, कोरापुट।
  • गुजरात: 17.35%, जामनगर, कच्छ।
  • झारखंड: 14%, लोहरदगा।
  • महाराष्ट्र: 12%, रत्नागिरी।
  • छत्तीसगढ़: 6%, सरगुजा।

2. तांबा (Copper)

  • महत्व: विद्युत उपकरण, सिक्के, मिश्र धातु निर्माण।
  • भंडार: 125 करोड़ टन।
  • वितरण:
  • झारखंड: सिंहभूम, हजारीबाग।
  • राजस्थान: खेतड़ी, सिंघाना।
  • मध्य प्रदेश: बालाघाट।
  • आंध्र प्रदेश: खम्मम।
  • कर्नाटक: चित्रदुर्ग।
  • महाराष्ट्र: चंद्रपुर।

अधात्विक खनिज

  • धात्विक खनिजों के अतिरिक्त अधात्विक खनिज औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

1. अभ्रक (Mica)

(घ) खनिज संसाधन – Notes - Muscovite Mica
Muscovite Mica
  • उपयोग: विद्युतरोधक गुणों के कारण विद्युत उपकरण, इलेक्ट्रॉनिक्स और आयुर्वेदिक दवाओं में।
  • उत्पादन क्षेत्र: 1. बिहार-झारखंड: भारत का 80% उत्पादन।
    • प्रमुख क्षेत्र: गया, हजारीबाग, मुंगेर, भागलपुर, रांची।
    2. आंध्र प्रदेश: नेल्लोर जिला। 3. राजस्थान: जयपुर, उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर।
  • निर्यात: मुख्य आयातक संयुक्त राज्य अमेरिका।

2. चूना पत्थर (Limestone)

  • उपयोग:
  • 76%: सीमेंट।
  • 16%: लौह-इस्पात।
  • 4%: रसायन।
  • अन्य: उर्वरक, कागज, चीनी उद्योग।
  • उत्पादन क्षेत्र:
  • मध्य प्रदेश: 35%।
  • अन्य राज्य: छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, उड़ीसा।

खनिजों का आर्थिक महत्व

  • भूमिका: औद्योगिक विकास और राष्ट्रीय आय का प्रमुख स्रोत।
  • विशेषता: एक बार उपयोग के बाद समाप्त हो जाते हैं।
  • चुनौतियां: नवीनीकरण असंभव, अतः विवेकपूर्ण उपयोग आवश्यक।

खनिजों का संरक्षण (Mineral Conservation)

चुनौतियां:

  • अति-उपयोग से संकट।
  • सीमित मात्रा

उपाय:

  1. खनिज दोहन पर नियंत्रण।
  2. बचतपूर्वक उपयोग।
  3. सस्ते विकल्पों की खोज।
  4. अपशिष्ट पदार्थों का बुद्धिमत्तापूर्ण उपयोग।
  5. चक्रीय पद्धति (Recycling) का अपनाना।

(घ) खनिज संसाधन – Notes Bihar Board 10th Geography Chapter 1 D

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