प्रेस-संस्कृति एवं राष्ट्रवाद – Press-culture and Nationalism
अभ्यास
वस्तुनिष्ठ प्रश्न:
1. महात्मा गाँधी ने किस पत्र का संपादन किया ?
(क) कामनवील
(ख) यंग इंडिया
(ग) बंगाली
(घ) बिहारी
उत्तर: (ख) यंग इंडिया
2. किस पत्र ने रातो-रात वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट से बचने के लिए अपनी भाषा बदल दी ?
(क) हरिजन
(ख) भारत मित्र
(ग) अमृतबाजार पत्रिका
(घ) हिन्दुस्तान
उत्तर: (ग) अमृतबाजार पत्रिका
3. 13वीं सदी में किसने ब्लाक प्रिंटिंग के नमूने यूरोप में पहुँचाए ?
(क) मार्कोपोलो
(ख) मेगास्थनीज
(ग) इत्सिंग
(घ) निकितिन
उत्तर: (क) मार्कोपोलो
4. गुटेनवर्ग का जन्म किस देश में हुआ था ?
(क) अमेरिका
(ख) जर्मनी
(ग) जापान
(घ) इंगलैंड
उत्तर: (ख) जर्मनी
5. गुटेनवर्ग ने सर्वप्रथम किस पुस्तक की छपाई की ?
(क) कुरान
(ख) गीता
(ग) हदीस
(घ) बाइबिल
उत्तर: (घ) बाइबिल
6. इंगलैंड में मुद्रणकला को पहुँचाने वाला कौन था ?
(क) हैमिल्टन
(ख) कैक्सटन
(ग) पाइंडर
(घ) स्मिथ
उत्तर: (ख) कैक्सटन
7. किसने कहा “मुद्रण ईश्वर की दी हुई महानतम् देन है, सबसे बड़ा तोहफा’?
(क) महात्मा गाँधी
(ख) मार्टिन लूथर
(ग) मुहम्मद पैगम्बर
(घ) ईसा मसीह
उत्तर: (ख) मार्टिन लूथर
8. रूसो कहाँ का दार्शनिक था ?
(क) फ्रांस
(ग) अमेरिका
(ख) रूस
(घ) इंगलैंड
उत्तर: फ्रांस
9. विश्व में सर्वप्रथम मुद्रण की शुरूआत कहाँ हुई?
(क) भारत
(ग) चीन
(ख) जापान
(घ) अमेरिका
उत्तर: चीन
10. किस देश की सिविल सेवा परीक्षा ने मुद्रित पुस्तकों (सामग्रियों) की माँग बढ़ाई?
(क) मिश्र
(ग) चीन
(ख) भारत
(घ) जापान
उत्तर: (ग) चीन
रिक्त स्थानों को भरें :
- 1904-05 के रूस-जापन युद्ध में _ की पराजय हुई ।
उत्तर: रूस - फिरोज शाह मेहता ने _ का संपादन किया ।
उत्तर: बाम्बे कॉनिकल - वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट _ ई० में पास किया गया ।
उत्तर: 1878 - भारतीय समाचार पत्रों के मुक्तिदाता के रूप में _ को विभूषित किया गया ।
उत्तर: चार्ल्स मेटकॉफ - अल-हिलाल का सम्पादन _ ने किया ।
उत्तर: मौलाना आजाद
सुमेलित करें:
उत्तर:
- जे० के० हिक्की – (ग) बंगाल गजट
- राम मोहन राय – (क) संवाद कौमुदी
- बाल गंगाधर तिलक – (घ) मराठा
- केशवचन्द्र सेन – (ङ) सुलभ समाचार
- सुरेन्द्र नाथ बनर्जी – (ख) बंगाली
१. निम्नांकित के बारे में २० शब्दों में लिखों :
(क) छापाखाना:
उत्तर:
छापाखाना मुद्रण कार्य के लिए आवश्यक तकनीक है, जिससे साहित्य और जानकारी का प्रचार-प्रसार होता है।
(ख) बाइबिल
उत्तर:
बाइबिल ईसाई धर्म का प्रमुख ग्रंथ है, जिसमें पुराने और नए नियम की पुस्तकों का समावेश है।
(ग) मराठा
उत्तर:
मराठा साम्राज्य 17वीं शताबदी में स्थापित हुआ, जिसमें शिवाजी महाराज ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
(घ) वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट
उत्तर:
वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट 1878 में पारित हुआ, जो भारतीय भाषाओं में प्रकाशित समाचार पत्रों पर प्रतिबंध लगाता था।
(ङ) प्रोटेस्टेन्ट वाद
उत्तर:
प्रोटेस्टेन्ट वाद कैथोलिक चर्च के खिलाफ एक धार्मिक आंदोलन था, जिसने चर्च के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई।
(च) गुटेनवर्ग
उत्तर:
गुटेनवर्ग जर्मन आविष्कारक थे जिन्होंने मुद्रण प्रेस का आविष्कार किया, जिससे ज्ञान का प्रसार आसान हुआ।
(छ) रेशम मार्ग
उत्तर:
रेशम मार्ग प्राचीन काल में व्यापार का एक प्रमुख मार्ग था, जो चीन, भारत और यूरोप के बीच फैला था।
(ज) यंग इंडिया
उत्तर:
यंग इंडिया महात्मा गांधी द्वारा चलाया गया एक समाचार पत्र था, जो स्वतंत्रता संग्राम और समाज सुधार को बढ़ावा देता था।
(झ) सर सैयद अहमद
उत्तर:
सर सैयद अहमद मुस्लिम समाज के सुधारक थे, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया और अलीगढ़ विश्वविद्यालय की स्थापना की।
(ञ) मार्टिन लूथर
उत्तर:
मार्टिन लूथर जर्मन धर्मगुरु थे जिन्होंने प्रोटेस्टेन्ट सुधार आंदोलन की शुरुआत की और चर्च में सुधार की मांग की।
निम्नांकित प्रश्नों के उत्तर ६० शब्दों में दें :
(क) गुटेन वर्ग ने मुद्रणयंत्र का विकास कैसे किया ?
उत्तर:
गुटेनवर्ग, जर्मन आविष्कारक, ने 15वीं शताबदी में मुद्रणयंत्र का विकास किया। उन्होंने लोहा की छापों का प्रयोग कर movable type printing तकनीक का आविष्कार किया। इससे पुस्तकों की छपाई सस्ती और तेज़ हो गई। उनका सबसे प्रसिद्ध कार्य “गुटेनवर्ग बाइबिल” था, जिसने पश्चिमी दुनिया में ज्ञान के प्रसार को तेज़ किया। इसने शिक्षा और जानकारी को जनसाधारण तक पहुँचाया।
(ख) छापाखाना यूरोप में कैसे पहुँचा ?
उत्तर:
छापाखाना 15वीं शताबदी में जर्मनी से यूरोप के अन्य हिस्सों में फैला। गुटेनवर्ग द्वारा मुद्रण यंत्र के विकास के बाद, यह तकनीक यूरोप के प्रमुख देशों में फैल गई। सबसे पहले, फ्रांस और इटली में छापाखाना की स्थापना हुई। इसके बाद, इंग्लैंड और अन्य यूरोपीय देशों में भी यह तकनीक शिक्षा और धार्मिक आंदोलनों को बढ़ावा देने के लिए उपयोग में आने लगी।
(ग) इन्क्वीजीशन से आप क्या समझते है। इसकी जरूरत पड़ी ?
उत्तर:
इन्क्वीजीशन एक धार्मिक न्यायिक प्रक्रिया थी, जिसे चर्च द्वारा आरोपों की जाँच और सजा देने के लिए किया जाता था। इसका उद्देश्य ईसाई धर्म के खिलाफ विद्रोह करने वालों या धर्मविरोधी विचारों को दबाना था। मध्यकाल में धार्मिक विचारों के भटकाव से बचने और धर्म की शुद्धता बनाए रखने के लिए इन्क्वीजीशन की जरूरत पड़ी। यह चर्च और राज्य की शक्ति को मजबूत करता था।
(घ) पाण्डुलिपि क्या है ? इसकी क्या उपयोगिता है ?
उत्तर:
पाण्डुलिपि एक हस्तलिखित दस्तावेज़ होता है, जिसे पहले मुद्रण यंत्र के अभाव में लिखा जाता था। यह कागज, पेपर, या अन्य सामग्री पर लिखी जाती थी। पाण्डुलिपि का उपयोग प्राचीन ग्रंथों, साहित्यिक रचनाओं, और धार्मिक पुस्तकों के संकलन के लिए किया जाता था। यह उस समय ज्ञान के संरक्षण का प्रमुख तरीका था, जब मुद्रण तकनीक उपलब्ध नहीं थी।
(ङ) लार्ड लिटन ने राष्ट्रीय आन्दोलन को गतिमान बनाया। कैसे ?
उत्तर:
लार्ड लिटन ने 1878 में वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट और आयरन एक्ट जैसे नीतियाँ लागू की, जिससे भारतीय समाज में असंतोष और राष्ट्रीय आंदोलन को बढ़ावा मिला। उन्होंने भारतीय प्रेस और भाषाई स्वतंत्रता को सीमित किया, जिससे भारतीय समाज में विरोध और जागरूकता पैदा हुई। इन उपायों ने भारतीयों को एकजुट किया और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को गति दी।
३. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न १५० शब्दों में उत्तर दें:
(क) मुद्रण क्रांति ने आधुनिक विश्व को कैसे प्रभावित किया ?
उत्तर:
मुद्रण क्रांति, जो 15वीं शताबदी में गुटेनवर्ग द्वारा मुद्रण यंत्र के आविष्कार से शुरू हुई, ने आधुनिक विश्व को गहरे तरीके से प्रभावित किया। इससे ज्ञान का प्रसार सस्ता और तेज़ हो गया। किताबों, समाचार पत्रों, और अन्य साहित्यिक सामग्रियों की छपाई को बढ़ावा मिला, जिससे समाज में शिक्षा और जागरूकता का स्तर बढ़ा। इससे वैज्ञानिक खोजों और धार्मिक विचारों का प्रसार हुआ। विशेष रूप से, यूरोप में पुनर्जागरण और सुधार आंदोलन को बल मिला, जिससे चर्च और सरकार के खिलाफ विरोध हुआ। इसके अलावा, मुद्रण क्रांति ने साक्षरता दर में वृद्धि की, जिससे लोगों के विचारों में विविधता आई और समाज में लोकतांत्रिक चेतना का विकास हुआ। इसके कारण ही आधुनिक शिक्षा और लोकतांत्रिक विचारधारा का जन्म हुआ, जिससे दुनिया भर में सामाजिक और राजनीतिक बदलाव आए।
(ख) १९वीं सदी में भारत में प्रेस के विकास को रेखांकित करें।
उत्तर:
19वीं शताबदी में भारत में प्रेस का विकास महत्वपूर्ण था, जो भारतीय समाज और राजनीति में बदलाव लाने में सहायक साबित हुआ। 1818 में ‘बंगाल गजट’ के रूप में पहला समाचार पत्र प्रकाशित हुआ था, जो ब्रिटिश शासन के खिलाफ जागरूकता फैलाने का कार्य करता था। इसके बाद, कई अन्य समाचार पत्र जैसे ‘यंग इंडिया’ (महात्मा गांधी द्वारा) और ‘हिन्दू’ ने समाज में जागरूकता और राजनीतिक चेतना को फैलाया। प्रेस ने सामाजिक मुद्दों जैसे कि महिलाओं के अधिकार, अस्पृश्यता, और शिक्षा पर भी ध्यान केंद्रित किया। 1878 में वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट लागू हुआ, जिसने भारतीय प्रेस को दबाने की कोशिश की, लेकिन इसके बावजूद प्रेस ने राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। प्रेस ने स्वतंत्रता संग्राम के विचारों को फैलाया और भारतीय समाज में क्रांतिकारी बदलाव की नींव रखी।
(ग) भारतीय प्रेस की विशेषताओं को लिखें।
उत्तर:
भारतीय प्रेस की कई विशेषताएँ हैं, जिनमें प्रमुख हैं –
- सामाजिक सुधार की दिशा में योगदान:- भारतीय प्रेस ने सामाजिक बदलाव और सुधारों को बढ़ावा दिया, जैसे कि महिलाओं के अधिकारों के मुद्दे, जातिवाद के खिलाफ आंदोलन आदि।
- राष्ट्रीय चेतना का प्रसार:- भारतीय प्रेस ने भारतीयों को राजनीतिक जागरूकता दी और स्वतंत्रता संग्राम के विचारों को फैलाया।
- विरोधात्मक और आलोचनात्मक दृष्टिकोण:- प्रेस ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ आलोचनात्मक दृष्टिकोण अपनाया, जैसे ‘यंग इंडिया’ और ‘बंगाल गजट’ ने।
- प्रचार माध्यम का विकास:- समय के साथ, भारतीय प्रेस ने विभिन्न भाषाओं में समाचार पत्र और पत्रिकाएँ प्रकाशित करना शुरू किया, जो जनसाधारण तक जानकारी पहुँचाने में सहायक थे।
- मुद्रण और प्रौद्योगिकी का उपयोग:- प्रेस ने मुद्रण तकनीक का उपयोग कर जानकारी के प्रसार को तेज किया।
(घ) राष्ट्रीय आन्दोलन को भारतीय प्रेस ने कैसे प्रभावित किया?
उत्तर:
भारतीय प्रेस ने राष्ट्रीय आंदोलन को गहरे तरीके से प्रभावित किया। समाचार पत्रों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ जनता में जागरूकता फैलायी और स्वतंत्रता संग्राम के विचारों को मजबूती दी। प्रेस ने भारतीय समाज के विभिन्न मुद्दों जैसे कि भारतीयता, धर्म, और राष्ट्रीयता पर चर्चाएँ शुरू की। ‘यंग इंडिया’ और ‘बंगाल गजट’ जैसे समाचार पत्रों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ प्रतिरोध और विरोधाभासों को प्रकाशित किया। प्रेस ने भारतीयों को अपनी ताकत और अधिकारों के प्रति जागरूक किया, जिससे राष्ट्रीय आंदोलन को गति मिली। समाचार पत्रों ने नेताओं के विचारों और आंदोलनों को जन-जन तक पहुँचाया और लोगों को स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। भारतीय प्रेस ने उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष को एकजुट किया और एक शक्तिशाली सामाजिक-राजनीतिक आंदोलन का रूप दिया।
(ङ) मुद्रण यंत्र की विकास यात्रा को रेखांकित करें। यह आधुनिक स्वरूप में कैसे पहुँचा?
उत्तर:
मुद्रण यंत्र की यात्रा 15वीं शताबदी में जर्मन आविष्कारक जोहान गुटेनवर्ग के द्वारा movable type printing तकनीक के आविष्कार से शुरू हुई। इससे किताबों की छपाई सस्ती और तेज़ हो गई, और ज्ञान का प्रसार सामान्य जन तक हुआ। इसके बाद, 19वीं शताबदी में स्टीम-पावर्ड प्रेस का आविष्कार हुआ, जिससे मुद्रण प्रक्रिया और भी तेज़ हो गई। 20वीं शताबदी में, डिजिटल प्रौद्योगिकी के आगमन के साथ मुद्रण में और अधिक प्रगति हुई। आधुनिक समय में, ऑफसेट प्रिंटिंग और डिजिटल मुद्रण ने इसकी गति और गुणवत्ता को बढ़ाया। आजकल, 3D प्रिंटिंग जैसी नई तकनीकों ने मुद्रण यंत्र को और भी विकसित किया है। मुद्रण तकनीक ने न केवल पुस्तकालयों और समाचार पत्रों को फैलाया, बल्कि शिक्षा, विज्ञान और अन्य क्षेत्रों में भी अपनी भूमिका निभाई। इसने ज्ञान के प्रसार के रास्ते खोलने में अहम योगदान दिया।
वर्ग परिचर्चा:
१. छपाई की तकनीक को समझने के लिए अपने शिक्षक के साथ नजदीकी प्रेस का भ्रमण करें।
२. आधुनिक समाचार पत्रों के साथ पूववर्ती समाचार पत्रों का तुलनात्मक अध्ययन अपने वर्गशिक्षक से करें।
Note – बेहतर यह होगा कि छात्र यह कार्य स्वयं, शिक्षक की सहायता से, या विभिन्न स्रोतों से जानकारी इकट्ठा करके करें।